यह कहानी एक अंधेरी, डरावनी और भयानक रात की है। राघव और उसकी पत्नी अनु ने एक पुराना घर किराए पर लिया था, जो जंगल के पास स्थित था। उन्होंने सुना था कि उस घर में कई लोग आकर चले गए थे, और किसी ने भी वहां ज्यादा समय नहीं बिताया था। लेकिन राघव और अनु ने इन अफवाहों को नजरअंदाज कर दिया। वे एक शांत जीवन की तलाश में थे, लेकिन जिस रात वे उस घर में पहुंचे, वही रात उनके लिए डर का कारण बन गई। घर की दीवारों में ऐसी सर्दी थी, जैसे किसी ने वहां कभी गर्मी महसूस नहीं की हो।

एक रात, राघव और अनु ने घर के पीछे वाले बगीचे में जाने का निर्णय लिया। बगीचा अंधेरे में डूबा हुआ था, और वहां कोई आवाज़ नहीं सुनाई दे रही थी। जैसे ही वे बगीचे के बीचों-बीच पहुंचे, अनु को लगा जैसे उसके आस-पास कोई खड़ा है। उसने डरते हुए राघव से पूछा, "तुमने सुना, कोई आहट सी हो रही है?" राघव ने उसकी बातों को हल्के में लिया और कहा, "तुम्हारी कल्पना है, कोई कुछ नहीं है।" लेकिन जैसे ही वे लौटने लगे, अचानक एक तेज़ हवा का झोंका आया और बगीचे के पेड़ झूलने लगे। अनु को महसूस हुआ जैसे किसी ने उसकी पीठ पर हाथ रखा हो।

वह घबराई हुई कहने लगी, "यह क्या है? मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा।" राघव ने उसे शांत किया और वे अंदर लौट आए। लेकिन घर में घुसते ही उन्होंने देखा कि घर की लाइटें अचानक बंद हो गई थीं। राघव ने सोचा शायद बिजली चली गई होगी, लेकिन जब उन्होंने लाइट को वापस चालू किया, तो कमरे का तापमान अचानक बहुत ठंडा हो गया। वह दोनों असहज महसूस कर रहे थे। तभी उन्हें एक घबराई हुई आवाज़ सुनाई दी, "साहस दिखाओ... भागो नहीं!" राघव की नसों में ठंडक दौड़ गई।

यह आवाज़ बिल्कुल नजदीक से आ रही थी, लेकिन जब वे कमरे में चारों ओर देखने लगे, तो कोई नहीं था। राघव ने डरते हुए कहा, "क्या तुमने ये सुना?" लेकिन अनु की आंखों में डर साफ झलक रहा था। तभी कमरे में एक अजीब सी छाया दिखने लगी। वह छाया किसी इंसान की नहीं, बल्कि एक विशाल काले साए की थी, जो धीरे-धीरे उनकी ओर बढ़ रही थी। अनु की सांसें रुकने लगीं, और उसका दिल धड़कने लगा। वह साया उनके पास आ रहा था, जैसे वह उन्हें निगलने को तैयार हो।

राघव ने उसे समझाया कि ये सब उनका डर है, लेकिन अनु के मन में एक सवाल था - क्या सचमुच यह उनका डर था या कुछ और? अचानक छाया राघव के पास पहुंची और राघव ने महसूस किया कि एक ठंडी और सड़ी हुई हवा उसके पास आ रही थी। यह हवा उस साए से निकल रही थी। राघव का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। उसके शरीर में जैसे बिजली दौड़ रही थी, और उसके कदम ठिठक गए। यह साया केवल एक भूत नहीं था, बल्कि एक भयानक शक्ति का प्रतीक था।

जैसे ही राघव ने उस साए की ओर बढ़ने का साहस किया, वह साया गायब हो गया। लेकिन उनके दिल में यह खौ़फ हमेशा के लिए बैठ गया। उसी रात, घर में कई अजीब घटनाएँ घटित हुईं। किसी ने देखा कि घर के अंदर की दीवारों पर खून से लिखे शब्द उभर रहे थे, जैसे किसी ने उन्हें वहां लिख दिया हो। शब्दों में लिखा था, "तुम नहीं बचोगे!" यह दृश्य अनु और राघव के लिए एक बुरी खबर से कम नहीं था। वे समझ गए कि इस घर में कुछ और भी था।

अनु और राघव ने डर के मारे घर छोड़ने का निर्णय लिया। जैसे ही वे घर से बाहर निकले, तो उन्हें एक महिला की चीत्कार सुनाई दी। वे पलटकर देखे तो वह महिला बगीचे में खड़ी थी, उसकी आँखें पूरी तरह से कटी-फटी थीं और उसका चेहरा बहुत भयानक था। उसकी खौ़फनाक चीखें उनके दिल में एक ठंडक सी छोड़ गईं। राघव और अनु ने डर के मारे दौड़ना शुरू किया, और जैसे ही वे जंगल से बाहर निकले, वे फिर कभी उस घर की ओर नहीं गए। उनकी आंखों के सामने वह कटा-फटा चेहरा हमेशा के लिए बसा था।

अगले दिन, कुछ लोग ने बताया कि उस घर में एक महिला की आत्मा बसी हुई है, जो हर रात किसी न किसी को अपनी गिरफ्त में ले लेती थी। वह महिला एक बहुत ही दर्दनाक मौत मरी थी, और अब उसकी आत्मा उस घर में फंसी हुई थी। जो भी उस घर में जाता, वह उसका शिकार बन जाता। यह घटना किसी दुःस्वप्न से कम नहीं थी, लेकिन राघव और अनु ने उसे सच मान लिया था। घर के बारे में और भी कई डरावनी बातें सुनने को मिलीं, जिससे उनकी चिंता और बढ़ गई।

कुछ लोगों ने यह भी कहा था कि उस महिला की आत्मा का शिकार बने लोग हमेशा उसी रात घर में बंद रहते थे, और फिर सुबह उनका पता नहीं चलता था। यह कहानी एक शापित स्थल की तरह फैल गई थी। राघव और अनु ने यह तय किया कि वे अब कभी उस घर के पास भी नहीं जाएंगे। एक रात की खौ़फनाक घटना ने उनकी पूरी ज़िन्दगी बदल दी थी। उस घटना के बाद वे शहर लौट गए, लेकिन उनका मन अब भी उस भूतिया घर में अटका था।

हालांकि राघव और अनु ने घर छोड़ दिया था, लेकिन वे जानते थे कि जिस रात उन्होंने वह घर छोड़ा, वह केवल शुरुआत थी। उस महिला की आत्मा का शिकार बन चुके लोग कभी न कभी वापस लौट सकते थे। राघव और अनु के दिलों में डर हमेशा रहेगा, और वे यह कभी नहीं भूल पाएंगे कि काली रात में वे क्या देख चुके थे।