यह कहानी एक छोटे से गाँव के एक पुराने और सुनसान घर की है। गाँववाले उस घर के बारे में हमेशा कहते थे कि वहां रात के समय अजीब घटनाएँ होती हैं। लोग कहते थे कि घर के अंदर बुरी आत्माएँ बसी हुई हैं, जिनसे कोई बच नहीं सकता। लेकिन, दीपक नामक एक साहसी युवक ने यह तय किया कि वह इस डरावने घर का सामना करेगा और इसकी सच्चाई का पता लगाएगा। दीपक ने खुद को साबित करने के लिए और गाँववालों की बातें समझने के लिए यह चुनौती स्वीकार की।

दीपक ने एक रात उस घर में रात बिताने का निर्णय लिया। वह रात के समय घर में दाखिल हुआ और जैसे ही वह घर के अंदर गया, उसे महसूस हुआ कि घर में अजीब सी खामोशी थी। घर के हर कोने में धुंआ सा घना अंधेरा था। वहाँ की हवा में एक अजीब सी ठंडक थी, जैसे घर का हर कोना अपनी कहानी छुपा रहा हो। दीपक ने धीरे-धीरे कदम बढ़ाए, और अचानक उसकी नजरें एक कोने में पड़ीं जहां एक पुराना शीशा रखा था। वह शीशा पूरे कमरे को और भी भयानक बना रहा था।

जैसे ही दीपक ने शीशे में देखा, उसे वहाँ किसी महिला का चेहरा दिखाई दिया। उसकी आँखें लाल थीं और चेहरे पर एक डरावनी मुस्कान थी। दीपक ने हड़बड़ी में आंखें बंद की और जब उसने फिर से देखा, तो वह चेहरा गायब हो चुका था। उसने सोचा कि यह बस उसकी कल्पना थी, लेकिन वह भयानक दृश्य उसकी आँखों के सामने बार-बार आने लगा। जैसे-जैसे दीपक बढ़ता गया, वह डरावनी छाया कहीं न कहीं पीछा करती जा रही थी।

घर के अंदर बढ़ते हुए दीपक ने देखा कि कमरे के एक कोने में एक पुरानी चौकी रखी हुई थी। उसकी सतह पर गहरे काले धब्बे थे, जैसे किसी ने खून से उस पर कुछ लिखा हो। दीपक ने पास जाकर उन धब्बों को ध्यान से देखा, और जैसे ही उसने उन्हें छुआ, अचानक पूरे कमरे में एक तेज़ आवाज आई, जैसे किसी ने गुस्से से दरवाजा पटक दिया हो। दीपक का दिल धड़कने लगा, और उसने डरते हुए कमरे की सफाई करने की कोशिश की, ताकि कोई अन्य संकेत पा सके।

लेकिन तभी अचानक कमरे का माहौल बदल गया। कमरे की दीवारों पर अजीब तरह की छायाएँ मंडराने लगीं। उसने देखा कि कमरे के चारों कोनों से काले धुंए जैसे हरे-भरे हाथ बाहर निकल रहे थे। यह दृश्य विकराल हो चुका था। वह समझ गया कि यह कोई साधारण घर नहीं है, बल्कि यह एक भूतिया घर है। दीपक के शरीर में झुरझुरी दौड़ने लगी और उसकी सांसें तेज हो गईं। यह सब एक बुरे सपने की तरह लग रहा था, लेकिन यह सच था।

अचानक, दीपक को लगा जैसे कोई उसके पीछे खड़ा हो। उसने मुड़कर देखा, लेकिन वहाँ कोई नहीं था। फिर उसे एक और आवाज सुनाई दी, यह आवाज किसी औरत की थी, जो चीख रही थी, "मुझे छोड़ दो!" दीपक का दिल डर से भर गया, और उसने दौड़ने की कोशिश की, लेकिन हर कदम पर वह और भी घना अंधेरा और खौ़फनाक माहौल महसूस करने लगा। जैसे-जैसे वह घर के अंदर आगे बढ़ता गया, वह महसूस कर रहा था कि वह जितना भागने की कोशिश करता, घर उसे उतना ही पकड़ने की कोशिश कर रहा था।

दीपक ने महसूस किया कि यह घर उसे अपनी गिरफ्त में लेने की कोशिश कर रहा था। अचानक कमरे में बत्तियाँ चली गईं और पूरा घर अंधेरे में डूब गया। दीपक को अब स्पष्ट रूप से आभास हुआ कि वह अकेला नहीं था। कमरे के कोने से एक कटी-फटी महिला की आकृति बाहर निकली। उसकी त्वचा सड़ी हुई थी, और उसकी आँखों से खून बह रहा था। वह महिला धीरे-धीरे दीपक की ओर बढ़ने लगी। दीपक के शरीर में अकड़न आ गई, और वह बिल्कुल निःशब्द खड़ा था, जैसे वह अपनी क़िस्मत से हार चुका हो।

दीपक डर के मारे कांपने लगा। उसकी साँसें तेज़ हो गईं और दिल में खौ़फ का एक नया लहर दौड़ गया। वह समझ चुका था कि वह अब इस घर से बाहर नहीं निकल पाएगा। लेकिन तभी अचानक उसे बाहर से कुछ आवाजें सुनाई दीं। यह आवाजें गांववालों की थीं, जो दीपक को खोजने के लिए आए थे। जब गांववाले अंदर गए, तो घर की सारी घटनाएँ अचानक रुक गईं और दीपक मिल गया, लेकिन वह पूरी तरह से डर और तनाव से घिरा हुआ था। उसकी आँखों में भय की झलक थी, और वह किसी भी शब्द को कहने में असमर्थ था।

अगले दिन, दीपक ने बताया कि वह घर में एक भूतिया आत्मा से मिला था, जो घर में सालों से फंसी हुई थी। वह आत्मा अपनी मृत्यु के बाद भी घर में फंसी हुई थी और उसे अपनी पहचान के लिए किसी को अपनी चपेट में लेना था। गाँववालों ने फिर से उस घर को छोड़ दिया और किसी ने भी वहाँ जाने का साहस नहीं किया। दीपक का अनुभव गाँववालों के लिए एक चेतावनी बन गया, और अब वहाँ कोई भी उस घर के पास नहीं जाता।

दीपक का डर उसके चेहरे पर साफ झलकता था। वह कभी भी उस घर की यादें भूल नहीं सका। उसे यह एहसास हो गया था कि भूतिया आत्माएँ कभी नहीं मरतीं, वे हमेशा कहीं न कहीं होती हैं, और हमें उनसे दूर रहना चाहिए। दीपक का यह अनुभव अब पूरे गाँव में एक दहशत की कहानी बन गया, जिसे लोग सुनाते रहते थे, ताकि किसी और को भी उस घर का सामना न करना पड़े।

यह घटना हमेशा के लिए गाँववालों के दिलों में गहरी छाप छोड़ गई। उन्होंने घर के पास जाने से पहले दो बार सोचना शुरू किया, और किसी को भी अकेले उस स्थान पर नहीं भेजा। उस डरावने घर की सच्चाई अब सबको मालूम थी, और यह कहानी हर पीढ़ी तक पहुँच गई। इसने गाँव में यह सिखाया कि कुछ चीज़ें कभी नहीं बदलतीं, और हमें अजनबी स्थानों से हमेशा दूर रहना चाहिए।