यह कहानी एक छोटे से गाँव के एक युवक, विक्रम की है, जिसने अपने जीवन की सबसे भयानक रात को झेला। विक्रम एक साधारण किसान था, जो अपने परिवार के साथ एक छोटे से घर में रहता था। उसके गाँव के बारे में कई तरह की डरावनी कहानियाँ मशहूर थीं, लेकिन विक्रम कभी इन बातों पर विश्वास नहीं करता था। वह समझता था कि ये सब बस अफवाहें हैं, और ऐसे भूतिया और चुड़ैल के किस्सों में कोई सचाई नहीं हो सकती।

एक रात विक्रम अपने खेत से घर लौट रहा था, और रास्ते में उसने महसूस किया कि वातावरण अचानक से भारी हो गया था। हवा में एक ठंडक सी थी, और आसमान में अजीब तरह की चुप्प थी। उसे लगा जैसे कुछ तो गड़बड़ है, लेकिन उसने इसे अपने सिर से निकाल दिया और घर की ओर बढ़ने लगा। वह यह सोच रहा था कि शायद थकान के कारण उसे ऐसा महसूस हो रहा है।

जैसे ही विक्रम घर के पास पहुंचा, उसे अचानक एक डरावनी आवाज सुनाई दी। यह आवाज किसी महिला की थी, जो दर्द में चीख रही थी। विक्रम ने मुड़कर देखा, लेकिन वहाँ कोई नहीं था। वह और भी डर गया, और उसने तेजी से घर का दरवाजा खोला। लेकिन जैसे ही उसने दरवाजा खोला, उसके सामने खड़ी थी एक खौ़फनाक चुड़ैल। उसकी आँखों में एक डरावनी आग थी, और वह विक्रम की ओर बढ़ी।

चुड़ैल की आँखें पूरी तरह से काली थीं, और उसके बाल अस्त-व्यस्त थे। उसकी त्वचा बेजान और काली हो चुकी थी, जैसे वह वर्षों से मरी हुई हो। उसकी सांसें तेज और गहरी थीं, और उसकी झुकी हुई पीठ से एक अजीब सी सड़ी हुई गंध आ रही थी। विक्रम का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा, और वह काँपते हुए पीछे हटने लगा। उसे समझ में आ गया कि यह कोई आम इंसान नहीं, बल्कि वह कोई खतरनाक प्राणी है।

चुड़ैल ने विक्रम को देखा और एक भयावह हंसी के साथ बोली, "तुमने मेरे जंगल में कदम रखा, अब तुम्हें मेरी सजा भुगतनी होगी।" विक्रम घबराए हुए फूट-फूट कर रोने लगा। वह जानता था कि वह किसी बुरी ताकत का शिकार हो चुका है। चुड़ैल ने विक्रम की तरफ बढ़ते हुए कहा, "तुमसे पहले भी कई लोग इसी तरह मेरी गिरफ्त में आ चुके हैं, और तुम भी उनका ही हिस्सा बनने जा रहे हो।" उसकी आवाज में नफरत और ठंडक दोनों थे।

विक्रम अब भागने के लिए मुड़ा, लेकिन जैसे ही वह कुछ कदम बढ़ा, उसका पैर किसी गहरी खाई में फंस गया। अचानक उसकी आँखों के सामने सब कुछ अंधेरा हो गया। एक झटके से उसने महसूस किया कि चुड़ैल ने उसे पूरी तरह से जकड़ लिया था। उसकी शरीर में कोई शक्ति नहीं बची थी। वह दर्द और घबराहट से पूरी तरह से घिर चुका था। उसकी आंखों में डर था, और शरीर में कांप थी। उसकी सांसें थम रही थीं, जैसे वह मौत के मुंह में था।

चुड़ैल ने विक्रम के सामने अपना चेहरा और भी विकृत कर लिया। उसका चेहरा अब उसकी असली रूप में था – बेजान और सड़ी हुई हड्डियों से बना हुआ। चुड़ैल ने विक्रम को अपनी मुट्ठी में जकड़ते हुए कहा, "तुम्हारी जिंदगी अब मेरे कब्जे में है।" विक्रम ने घबराए हुए कहा, "कृपया मुझे छोड़ दो!" लेकिन चुड़ैल उसकी ओर अपनी लंबी और नुकीली पंजों वाली उंगलियाँ बढ़ाते हुए बोली, "तुमसे पहले भी कई लोगों ने यही कहा था, लेकिन कोई भी नहीं बच सका।"

विक्रम अब पूरी तरह से बेजान हो चुका था। उसका दिल धड़कना बंद हो चुका था, और उसकी आंखें अब चुड़ैल के हंटर में फंसी हुई थीं। लेकिन तभी, विक्रम की जिजीविषा ने उसे संभाल लिया। उसने अपने अंदर की सारी ताकत जमा की और चुड़ैल से लड़ने की पूरी कोशिश की। उसने चिल्लाकर एक मंत्र बोला, जो उसकी दादी से उसे बचपन में सीखा था। यह मंत्र किसी भूत-प्रेत या चुड़ैल को हराने के लिए था। उसकी आवाज में एक अजीब सी ताकत और ध्वनि थी।

जैसे ही विक्रम ने वह मंत्र बोला, चुड़ैल चीखते हुए पीछे हट गई। उसकी काली आँखें एक पल के लिए रुक गईं, और उसकी सड़ी हुई त्वचा में दरारें आ गईं। विक्रम ने उसी पल भागने का फैसला किया और वह घर की तरफ दौड़ पड़ा। वह समझ चुका था कि उसकी जान अब उसी मंत्र के कारण बची थी। चुड़ैल अब उसकी नजरों से ओझल हो चुकी थी, लेकिन विक्रम को पता था कि वह किसी भी वक्त वापस आ सकती है।

विक्रम घर पहुँचने के बाद थका-हारा गिर पड़ा। वह पूरी रात चुड़ैल के हमले से डरता रहा, और सुबह तक उसे यह एहसास हो गया कि अब वह कभी भी अकेले रात को बाहर नहीं निकलेगा। उसे अब यह समझ में आ चुका था कि गाँव में उस चुड़ैल की मौजूदगी के बारे में लोग जो कहते थे, वह बिल्कुल सही था। अब उसे महसूस हुआ कि वह अकेला नहीं था, और ऐसे अजीब प्राणी कभी भी उसके आस-पास हो सकते थे।

विक्रम के मन में एक डर बैठ गया था, जो उसे रातभर परेशान करता रहा। वह सोचता था कि वह अब तक जिस चीज़ को अफवाह समझता था, वह असल में एक खौ़फनाक सच था। गाँव में हर घर में लोग अपनी-अपनी डरावनी कहानियाँ सुनाते थे, लेकिन विक्रम ने कभी यकीन नहीं किया था। अब वह समझ चुका था कि इस दुनिया में कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

एक महीने बाद, विक्रम ने गाँव में एक पुजारी से मुलाकात की, जिसने उसे बताया कि चुड़ैल का वास उस जंगल में बहुत पुराना है, और वह अब तक कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोने का कारण बन चुकी है। पुजारी ने उसे चेतावनी दी कि चुड़ैल कभी नहीं मरती, और अगर वह एक बार किसी को अपना शिकार बना ले, तो उसे छोड़ती नहीं। यह जानकर विक्रम को और भी डर लगा, लेकिन उसने ठान लिया कि अब वह कभी अकेला उस जंगल की तरफ नहीं जाएगा।