अजय और उसकी पत्नी नेहा ने एक पुरानी हवेली किराए पर ली थी, जो शहर के बाहरी इलाके में स्थित थी। यह घर एक अजनबी सी खामोशी से घिरा हुआ था, और हवा में अजीब सी ठंडक थी। पड़ोसियों ने उन्हें घर में रहने की सलाह दी थी, लेकिन कई अजीब घटनाओं के कारण वे भयभीत हो चुके थे। हवेली का नाम "काले साये" था, और यह जगह पहले एक मानसिक अस्पताल हुआ करती थी। इसे लेकर कई खौ़फनाक कहानियाँ प्रचलित थीं।
पहले कुछ दिन सब सामान्य था, लेकिन फिर अजीब घटनाएँ शुरू हो गईं। अजय को रात के समय कभी-कभी कुछ अजीब छायाएँ नजर आती थीं। घर के गलियारों में एक गहरी शांति थी, जैसे कोई वहां न हो। लेकिन एक रात जब अजय बाथरूम में था, उसने अचानक दरवाजे के बाहर हलचल सुनी। उसकी आँखों के सामने एक काला साया गुज़रा, और हवा में अजीब सी बू आ रही थी। यह सब देख कर उसे पहली बार महसूस हुआ कि कुछ तो गलत था।
यह अनुभव अजय के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं था। उसने डरते हुए नेहा को बताया, लेकिन वह इसे बस एक भ्रम समझी। फिर एक दिन, नेहा ने भी वही साया देखा, जब वह रात के समय कमरे में सो रही थी। यह साया पूरी रात उनके पास था, और धीरे-धीरे यह उनके डर को और बढ़ा रहा था। नेहा की नींद उचट चुकी थी, और वह अजय से बार-बार डर के बारे में बात करने लगी थी।
रात को, घर में अजीब आवाजें सुनाई देने लगीं। दरवाजे की खड़खड़ाहट, फर्नीचर के खिसकने की आवाजें, और कभी-कभी हंसी की आवाजें घर में गूंजने लगती थीं। एक रात, अजय ने महसूस किया कि जैसे कुछ उसे नज़रों से देख रहा हो। जब वह कमरे से बाहर निकला, तो उसने देखा कि काले साये की परछाईं उसकी ओर बढ़ रही थी। यह साया उसकी पत्नी और उसकी जीवन को तबाह करने के लिए तैयार था। अजय की नसों में खौ़फ दौड़ गया।
अजय ने एक स्थानीय पंडित से मदद लेने का निर्णय लिया। पंडित ने बताया कि इस हवेली में एक दुष्ट आत्मा बसी हुई है, जो पहले एक जादूगरनी थी। वह आत्मा अपनी मृत्यु के बाद भी अपनी नफरत और काले जादू के कारण इस घर को अपने कब्जे में किए हुए थी। वह साया अब इस परिवार को अपनी पकड़ में लेना चाहता था। पंडित ने कहा कि इसे समाप्त करने के लिए विशेष तंत्र-मंत्र की आवश्यकता है।
पंडित ने अजय और नेहा को कुछ तंत्र-मंत्र करने के लिए कहा, ताकि वे उस साये से छुटकारा पा सकें। वे दोनों डरते हुए उस अंधेरे कमरे में गए, जहां यह आत्मा सबसे ज्यादा सक्रिय थी। कमरे में प्रवेश करते ही हवा में एक विचित्र गंध फैल गई। जैसे ही उन्होंने तंत्र-मंत्र करना शुरू किया, कमरे का तापमान अचानक बहुत बढ़ गया। और फिर, एक गहरी आवाज में वह साया बोला, "तुम लोग नहीं बच सकते।" यह शब्द हवा में गूंजने लगे।
पंडित ने अपनी शक्ति का उपयोग किया और उस आत्मा को उबारने के लिए एक शक्तिशाली यंत्रणा की। लेकिन साया इतना शक्तिशाली था कि वह तंत्र-मंत्र के असर से बाहर निकलने लगा। उसने डरावनी आवाज में हंसते हुए कहा, "तुम क्या करोगे?"। पंडित ने अंतिम प्रयास किया और एक भयानक संघर्ष के बाद, साया समाप्त हुआ। कमरे में फिर से शांति छा गई। पंडित की शक्ति ने साया को खत्म किया, लेकिन शांति का यह क्षण बहुत लंबा नहीं था।
अजय और नेहा ने बहुत कुछ सहा था, लेकिन जब उन्होंने उस काले साये को समाप्त किया, तो उन्हें एहसास हुआ कि वह केवल भूत-प्रेत नहीं, बल्कि उस साये के अंदर एक प्राचीन शक्ति भी छिपी थी। यह आत्मा केवल एक साधारण प्रेत नहीं थी, बल्कि एक जादूगरनी थी, जिसने काले जादू से अपनी जान ली थी और अब अपनी शक्ति को पुनः प्राप्त करना चाहती थी। वे उस अनुभव को जीवनभर नहीं भूल सकते थे, और वे जानते थे कि कभी भी उस काले साये का खतरा वापस आ सकता है।
कुछ समय तक सब शांत रहा, लेकिन धीरे-धीरे अजय और नेहा को एहसास हुआ कि हवेली में कुछ और था, जो उन्होंने पहले नहीं महसूस किया था। वे घर के कुछ हिस्सों में कुछ अजीब चीज़ें महसूस करते थे— जैसे दीवारों में चुपके से हलचल होना, और कभी-कभी घर के बाहर रात के समय किसी के पैर की आवाज़ आना। यह संकेत थे कि काले साये की शक्ति पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई थी।
एक दिन, अजय और नेहा को एक पुरानी किताब मिली, जो हवेली के पुराने मालिकों से जुड़ी थी। किताब में लिखा था कि इस हवेली में कई पीढ़ियों से आत्माएँ बसी हुई थीं, और जिनमें से कुछ ने काले जादू का प्रयोग किया था। वे आत्माएँ अब अपनी गिरफ्त में घर को रखती थीं। इस किताब ने अजय और नेहा को यह एहसास दिलाया कि यह हवेली न केवल एक भूतिया स्थान थी, बल्कि एक प्राचीन किले की तरह थी, जहां आत्माओं की शक्ति जड़ी थी।
उन्होंने तय किया कि वे इस जगह को छोड़ देंगे और कहीं और चले जाएंगे, लेकिन जब वे घर छोड़ने की तैयारी कर रहे थे, तब अचानक हवेली का दरवाजा अपने आप बंद हो गया। उन्होंने देखा कि हर कोने से काले साये की परछाइयाँ उभरने लगी थीं। यह सब संकेत थे कि हवेली का असर अभी भी उन पर था। अब अजय और नेहा ने सोचा कि शायद इस हवेली को छोड़ना उनकी सुरक्षा के लिए सही होगा।
एक दिन, अजय ने घर में एक पुराना तिजोरी देखा, जो पहले कभी नहीं दिखी थी। तिजोरी को खोलते ही उन्हें अंदर कुछ जादुई उपकरण और एक खून से सनी हुई पुरानी किताब मिली। वह किताब उस जादूगरनी की थी, और उसमें लिखा था कि "जो इस हवेली में आएगा, वह कभी भी बाहर नहीं जा सकेगा।" यह संदेश था, जो अजय और नेहा के लिए खतरनाक साबित हो सकता था।
इस सब के बाद, अजय और नेहा ने फैसला किया कि वे अब इस हवेली से हमेशा के लिए दूर चले जाएंगे। उन्होंने किसी तरह पंडित से मदद ली, और हवेली को छोड़ने से पहले वे अपने पास हर एक चीज़ को ठीक से दफन कर गए। अंततः, हवेली को छोड़ते समय उन्होंने यह महसूस किया कि काले साये का खतरा अब उनके पीछे था, लेकिन उनका दिल अब भी हल्का नहीं हो रहा था।