यह कहानी एक छोटे से गाँव की है, जहाँ एक पुराना कब्रिस्तान स्थित था। इस कब्रिस्तान में एक खौ़फनाक दरवाजा था, जिसे "कब्र का दरवाजा" कहा जाता था। लोग कहते थे कि यह दरवाजा किसी और दुनिया से जुड़ा हुआ था, और उसकी चुपचाप सी आवाज़ें लोगों को अक्सर डराती थीं। उस दरवाजे के पास जाने की हिम्मत कोई नहीं करता था, लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ, जिसने गाँव की किस्मत को बदल दिया।

गाँव में एक युवा लड़का था, जिसका नाम सुमित था। वह बहुत ही उत्साही और साहसी था। उसे डरने की बजाय डरावनी चीज़ों में रुचि थी। एक दिन उसने सुना कि कब्रिस्तान के पास एक रहस्यमय दरवाजा है, जो रात में किसी अजनबी आवाज़ से खुलता है। सुमित ने तय किया कि वह इस दरवाजे का रहस्य जानने के लिए कब्रिस्तान जाएगा। उसके दोस्तों ने उसे बहुत समझाया, लेकिन सुमित ने उनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया।

एक रात, जब चाँद पूरी तरह से छिपा हुआ था और आसमान में घने बादल थे, सुमित अकेला कब्रिस्तान पहुँचा। वहाँ का माहौल काफी खौ़फनाक था। कब्रों के ऊपर जाले लगे हुए थे और हवा में एक अजीब सी गंध फैली हुई थी। सुमित ने डर के बावजूद उस पुरानी कब्र पर बने दरवाजे की तरफ कदम बढ़ाए। जैसे ही उसने दरवाजे के पास कदम रखा, उसे ऐसा महसूस हुआ कि कोई उसे घूर रहा है।

सुमित ने दरवाजे को खींचा और वह चुपचाप खुल गया। जैसे ही दरवाजा खुला, एक ठंडी हवा का झोंका सुमित के चेहरे पर पड़ा। उस हवा में कोई आवाज़ थी, जैसे कोई फुसफुसा रहा हो। अचानक, सुमित को कुछ दिखाई दिया – एक धुंधली सी आकृति जो धीरे-धीरे दरवाजे से बाहर आ रही थी। वह आकृति किसी महिला की थी, और उसका चेहरा बिलकुल सफेद था, जैसे किसी मृत व्यक्ति का।

सुमित को समझ में नहीं आया कि यह क्या था। वह घबराया हुआ पीछे हटने ही वाला था, कि अचानक उस आकृति ने उसकी तरफ बढ़ते हुए जोर से चीख़ मारी। उसकी चीख़ इतनी तेज़ थी कि सुमित के रोंगटे खड़े हो गए। वह चीख़ सुनकर सुमित पीछे भागा, लेकिन उसे महसूस हुआ कि हवा ने उसे पकड़ लिया था। उसके पैरों में जैसे किसी ने जकड़ लिया हो। वह डर से कांपते हुए जितना हो सकता था तेजी से भागने लगा।

घर पहुँचते ही सुमित को महसूस हुआ कि वह उस भूतिया आकृति के कब्जे में आ चुका था। वह डर के मारे कांप रहा था और रात भर बिस्तर पर पड़ा रहा। अगले दिन, जब सुमित ने अपने दोस्तों से यह घटना बताई, तो वे सब बहुत घबराए। उन्हें पता था कि कब्रिस्तान में कुछ गड़बड़ है, और अब सुमित पर एक भूतिया आत्मा का साया था। उसके दोस्तों ने उसे समझाया कि उस दरवाजे से दूर रहना ही ठीक रहेगा।

अगले कुछ दिनों में, सुमित को अजीब-अजीब घटनाएँ होने लगीं। रात में वह किसी की आवाजें सुनता था, जो उसे पुकार रही थीं। उसकी आँखों के सामने वह धुंधली आकृति फिर से दिखाई देती थी। एक दिन, सुमित ने महसूस किया कि वह आत्मा उसकी आत्मा से बदला लेना चाहती थी। यह आत्मा दरवाजे के पीछे दबे हुए रहस्यों से जुड़ी थी और अब सुमित उसकी जाल में फंस चुका था।

सुमित अब गाँव के बुजुर्गों से मदद लेने गया। बुजुर्गों ने बताया कि उस दरवाजे का संबंध एक पुरानी आत्मा से था, जो एक सदी पहले उस कब्रिस्तान में दफन हुई थी। दरवाजा, उसके बाद से बंद हो गया था, लेकिन वह आत्मा कभी नहीं मरी थी। वह अब भी उस दरवाजे के पीछे रहती थी और हर साल अपनी शक्ति को बढ़ाती थी। यह आत्मा अपने साथियों के साथ मिलकर किसी को भी अपने जाल में फंसा सकती थी।

बुजुर्गों ने चेतावनी दी कि उस दरवाजे को खोला नहीं जाना चाहिए। वे बताते थे कि अगर कोई उस दरवाजे को खोलता है तो वह आत्मा किसी न किसी रूप में बाहर आ जाती है और उसकी शक्ति पहले से कहीं ज्यादा हो जाती है। सुमित को अब समझ में आ गया कि वह जिस खौ़फनाक ताकत से खेल चुका है, वह उसे आसानी से छोड़ने वाली नहीं है।

सुमित ने एक रात, फिर से उस दरवाजे को खोलने का निश्चय किया। अब उसका डर उस रहस्य को जानने की जिज्ञासा में बदल चुका था। उसने सोचा कि अगर उसने उस आत्मा को ठीक किया, तो वह सबको साबित कर सकेगा कि वह निडर और साहसी है। लेकिन जब उसने दरवाजे को खोलने की कोशिश की, तो उसने महसूस किया कि दरवाजा पहले से कहीं ज्यादा भारी हो गया था। जैसे कोई उसे रोक रहा हो।

जैसे ही दरवाजा खुला, वह आत्मा पूरी तरह से बाहर आ गई। वह और भी भयावह रूप में सामने थी, और उसकी आँखों से निकली लहुलुहान चमक ने सुमित के दिल की धड़कन रोक दी। सुमित ने भागने की कोशिश की, लेकिन वह आत्मा उसे अपनी तरफ खींच रही थी। सुमित के शरीर में सर्दी की लहर दौड़ रही थी, और उसकी आँखें धुंधली हो गईं। उसे यह अहसास हुआ कि अब उसका बचना मुश्किल था।

सुमित ने आखिरी बार हिम्मत जुटाई और उसने उस दरवाजे को फिर से बंद कर दिया। वह पूरी ताकत से उसे बंद करने की कोशिश कर रहा था, क्योंकि उसे अब यह समझ में आ गया था कि वह आत्मा उससे बदला लेने के लिए तैयार थी। जैसे ही दरवाजा बंद हुआ, अचानक सुमित को महसूस हुआ कि सब कुछ शांत हो गया था। उस आत्मा का डर, जो उसे घेरे हुए था, अब धीरे-धीरे गायब होने लगा।

लेकिन सुमित को यह समझ में आ गया कि कभी-कभी हमें अपनी जिज्ञासा को नियंत्रित करना चाहिए, क्योंकि कई रहस्यमय घटनाएँ हमें खौ़फनाक परिणामों का सामना करा सकती हैं। सुमित ने उस दिन के बाद कभी भी उस दरवाजे की ओर नहीं देखा। उसे यह एहसास हुआ कि कुछ रहस्य ऐसे होते हैं, जिन्हें हमें सुलझाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।