यह कहानी एक छोटे से गांव के एक पुराने और वीरान घर की है। गांववाले उस घर के बारे में कहानियाँ सुनाते थे, लेकिन कोई भी वहाँ जाने का साहस नहीं करता था। कहते हैं कि उस घर में एक अजीब सी शक्ति है, जो रात को बाहर निकलती है। घर में बहुत सारे मकड़ी के जाले लगे हुए थे, और जिनका विश्वास था कि इन जालों में कोई सुपरनैचुरल शक्ति समाई हुई है। ये जाले इतने जटिल थे कि उनमें एक रहस्यमय ऊर्जा का आभास होता था, जैसे कि वे किसी अज्ञात शक्ति से जुड़े हों।

एक दिन, राजन नामक युवक ने ठान लिया कि वह इस घर में रात बिताएगा और यह जानने की कोशिश करेगा कि क्या सचमुच वहाँ कुछ असामान्य है। गाँववालों ने उसे चेतावनी दी, लेकिन वह नहीं माना। उसने घर में दाखिल होते ही देखा कि घर के हर कोने में बड़े-बड़े मकड़ी के जाले थे। इन जालों में कुछ तो बिल्कुल सामान्य थे, लेकिन कुछ ऐसे थे जो अजीब तरीके से चमक रहे थे। यह चमकते जाले उसके भीतर एक अजीब सा डर भर रहे थे, जैसे वे उसकी ओर इशारा कर रहे हों।

राजन ने अंदर कदम रखा, और जैसे ही वह एक कमरे में पहुंचा, उसने महसूस किया कि हवा में ठंडक बढ़ गई थी। कमरे में एक गहरी खामोशी थी, लेकिन तभी उसे कुछ हल्की सी सरसराहट सुनाई दी। जब उसने देखा, तो कमरे के कोने में एक बड़ी सी काली मकड़ी थी, जो बहुत ही धीमी गति से उसके पास आ रही थी। राजन की रगों में डर दौड़ गया, लेकिन फिर भी उसने खुद को संभालते हुए कमरे में और अंदर जाने का निर्णय लिया। वह सोचता रहा, "क्या यह सिर्फ मेरी कल्पना है या कुछ और ही है?"

जैसे ही वह एक और कमरे में पहुंचा, उसे महसूस हुआ कि कमरे में कुछ और भी था। अचानक, उस कमरे के मकड़ी के जाले में कोई और आकार छिपा हुआ था। वह आकार धीरे-धीरे बाहर आया और यह देखकर राजन का दिल हिल गया। यह कोई आम मकड़ी नहीं थी, बल्कि एक भूतिया ताकत थी जो मकड़ी के जाल में बंधी हुई थी। वह शापित आत्मा थी, जो अब राजन को अपनी गिरफ्त में लेने के लिए तैयार थी। आत्मा का चेहरा विकृत था और उसकी आँखों में दर्द और घृणा का मिश्रण था, जो सीधे राजन की आत्मा में समा रहा था।

राजन ने जैसे ही उस आत्मा को देखा, वह डर के मारे कांपने लगा। उस आत्मा ने धीरे से कहा, "तुम हमारी दुनिया में आ चुके हो, अब तुम हमारी शक्ति का हिस्सा बनोगे।" राजन ने कोशिश की कि वह भाग सके, लेकिन जैसे ही वह मुड़ा, उसे महसूस हुआ कि घर का हर रास्ता बंद हो चुका है। कमरे के कोने से मकड़ी के जाले बढ़ने लगे और उसे अपनी ओर खींचने लगे। यह जाले अब धीरे-धीरे उसके चारों ओर घेरने लगे थे, जैसे वे उसे पूरी तरह से जकड़ने के लिए तैयार हों।

डर और पैनिक से भरा हुआ राजन भागने के लिए इधर-उधर दौड़ा, लेकिन मकड़ी के जाले तेजी से फैलने लगे, और धीरे-धीरे उसने राजन को अपनी जकड़ में ले लिया। जाले में बंधकर राजन की सारी ताकत जैसे निचोड़ ली गई हो, और उसकी आवाज़ खो गई थी। "मुझे छोड़ दो!" उसने चिल्लाया, लेकिन कोई भी उसे सुनने वाला नहीं था। उसकी आवाज़ कमरे में खो गई। फिर अचानक, वह जाल और मकड़ी के आकार गायब हो गए और राजन को महसूस हुआ कि वह किसी और दुनिया में पहुँच चुका है।

राजन ने आंखें खोलीं, तो पाया कि वह एक अंधेरे और खौ़फनाक जगह में खड़ा था। वह समझ नहीं पा रहा था कि यह कहाँ है और वह यहाँ कैसे आया। चारों ओर अंधकार था, और उसके आसपास बस मकड़ी के जाले ही जाले फैले हुए थे। उसके मन में यह सवाल उठ रहा था कि क्या वह सचमुच जीवित है या यह सब केवल एक बुरा सपना है। लेकिन फिर उसे महसूस हुआ कि वह कहीं बहुत दूर, एक अलग और भूतिया जगह में फंस चुका था, जहाँ से वापसी संभव नहीं थी।

अगले दिन, गाँववालों ने देखा कि राजन का कहीं कोई नाम-ओ-निशान नहीं था। उनका मानना था कि वह उस जाल में फंसकर शापित आत्मा का शिकार हो गया। गाँव में अचानक कुछ और अजीब घटनाएँ घटने लगीं। लोग कहते थे कि रात को घर से अजीब सी आवाजें आती थीं, जैसे किसी की चीखें और हंसी। कुछ लोग कहते थे कि उन आवाजों में राजन की आवाज भी थी, जो अब उस भूतिया आत्मा के साथ कैद हो चुका था।

गाँव में डर का माहौल फैल गया था। कुछ लोग कहते थे कि रात के समय जब वे पास से गुजरते थे, तो उन्हें मकड़ी के जाले की सरसराहट सुनाई देती थी। यह आवाजें उनके दिमाग में गूंजने लगी थीं और एक अजीब सी घबराहट का एहसास दिलाती थीं। जिन लोगों ने उस आवाज़ को सुना, वे कभी वापस नहीं लौटे। गाँववालों का मानना था कि राजन अब उन लोगों के साथ उस मकड़ी के जाल में फंसा हुआ था, और जो भी वहाँ जाता, वह भी उन्हीं का शिकार बनता।

कुछ समय बाद, गाँव में एक डरावनी चुप्प सी छा गई। कोई भी उस घर के पास नहीं जाता था। लोग कहते थे कि उस घर में अब एक भूतिया शक्ति समाई हुई है, जो हर आने वाले को अपनी गिरफ्त में ले लेती है। घर के पास कोई भी अब कदम रखने की हिम्मत नहीं करता था। बस गाँववालों की जुबां पर एक ही कहानी थी, "मकड़ी के जाल में फंसा राजन, और उसके साथ वो आत्मा, जो हर किसी को अपनी जाल में फंसा लेती है।"