यह कहानी एक छोटे से गाँव की है, जहाँ के लोग हमेशा एक रहस्यमय झील के बारे में बात करते थे। गाँव के लोग कहते थे कि उस झील में कोई भूतिया ताकतें बसी हुई हैं। कई सालों से वहाँ कई अजीब घटनाएँ हो रही थीं, जिनका कोई ठीक कारण नहीं मिल पाया था। कहते थे कि उस झील के अंदर कोई बेहद खौ़फनाक आत्माएँ हैं, जो हर किसी को अपनी चपेट में ले लेती हैं। इन घटनाओं ने गाँव के लोगा को खौ़फ में डाल रखा था, और वहाँ के लोग उस झील के पास जाने से डरते थे।
एक दिन, गाँव में एक युवक विक्रम नामक लड़का आया। उसे इस रहस्यमय झील के बारे में कई सारी कहानियाँ सुनने को मिली थीं, और उसने ठान लिया था कि वह खुद जाकर इस झील का रहस्य जानकर रहेगा। विक्रम एक साहसी लड़का था, जो हर खौ़फनाक चीज़ को चुनौती देना चाहता था। उसके मन में झील के बारे में जानने की बहुत उत्सुकता थी, इसलिए वह रात को उस झील पर जाने का निश्चय करता है। विक्रम का मन इस बात को लेकर आश्वस्त था कि जो लोग झील के बारे में डरते थे, वह सिर्फ़ अफवाहें फैला रहे थे।
रात का समय था और चारों ओर घना अंधेरा था। विक्रम ने अपनी टॉर्च ली और झील की तरफ़ चल पड़ा। जैसे-जैसे वह झील के पास पहुंचता गया, हवा में अजीब सी खामोशी फैलने लगी। हवा ने विक्रम के शरीर को इस तरह से छुआ, जैसे कोई अदृश्य शक्ति उसे छू रही हो। अचानक उसने देखा कि झील का पानी बहुत गहरा और स्याह था, जैसे उसमें कोई छिपी हुई ताकत समाई हुई हो। उसकी नज़रें उस पानी में कुछ खौ़फनाक देखते हुए रुक गईं। झील के अंदर से हल्की-हल्की आवाज़ें आ रही थीं, जैसे किसी ने पानी के अंदर से उसे पुकारा हो।
विक्रम ने सोचा कि यह बस उसकी कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी वह और करीब गया। जैसे ही वह झील के पास पहुँचा, अचानक उसकी टॉर्च की रोशनी चली गई और चारों ओर गहरी अंधेरी छा गई। टॉर्च की हल्की सी चमक भी अब कुछ दिखाने में असमर्थ थी। तभी उसे पीछे से एक हल्की सी सांस लेने की आवाज़ सुनाई दी। विक्रम ने मुड़कर देखा, लेकिन कुछ भी नजर नहीं आया। वह घबराया हुआ लेकिन निडर होकर झील के पास पहुंचा और झील के पानी में झांकने लगा। उसकी धड़कनें तेज़ हो गईं, लेकिन उसने खुद को संयमित रखने की पूरी कोशिश की।
तभी अचानक पानी में से एक लंबी कटी-फटी आकृति उभरी। विक्रम ने देखा, वह आकृति एक जलती हुई आत्मा की थी, जिसका चेहरा विकृत और शरीर जलते हुए राख जैसा था। आत्मा की आंखें जलती हुई अंगारों जैसी काली हो गई थीं। विक्रम सन्न रह गया। आत्मा ने अपनी ज़हरीली आवाज़ में कहा, "तुम्हें मेरे पास आने का क्या कारण था?" विक्रम ने कांपते हुए कहा, "मैं सिर्फ़ तुम्हारा रहस्य जानने आया हूँ, मुझे कुछ मत करना।" उसकी आवाज़ इतनी कमजोर थी कि वह खुद भी अपनी डर को छिपा नहीं पा रहा था।
आत्मा ने उसे घूरते हुए कहा, "तुम हमारे जैसे कई इंसानों को अपनी चपेट में ले चुके हो। अब तुम्हारी बारी है।" यह सुनते ही विक्रम ने डर के मारे दौड़ना शुरू कर दिया, लेकिन हर कदम पर उसे महसूस हुआ कि जैसे कोई अंधेरी ताकत उसका पीछा कर रही हो। झील का पानी अब और अधिक गहरा हो चुका था, और विक्रम को लगा कि वह किसी विशाल हाथ के नीचे दबने जा रहा है। उसकी सांसें तेज़ हो रही थीं और शरीर कांप रहा था। वह जैसे-तैसे झील के किनारे से दूर जाने की कोशिश करता है।
जैसे ही विक्रम ने झील के किनारे पर दौड़ने की कोशिश की, उसे महसूस हुआ कि कोई उसे घसीट रहा है। वह गिर पड़ा और उसे लगा कि अब वह पूरी तरह से उस जलती आत्मा की गिरफ्त में आ गया है। पानी ने उसकी टाँगों को जकड़ लिया था, और वह किसी तरह खुद को खींचने की कोशिश कर रहा था। उसे महसूस हो रहा था कि अब वह बुरी तरह से उस आत्मा की चपेट में आ गया है। तभी अचानक से एक तेज़ बयार आई और झील का पानी हिलने लगा। वह आत्मा धीरे-धीरे शांत हो गई और विक्रम को छोड़ दिया।
विक्रम किसी तरह वहाँ से भागकर गाँव वापस लौटा और उसने सबको बताया कि वह झील एक खौ़फनाक स्थान है, जहाँ आत्माएँ जलते हुए अपनी शक्ति दिखाती हैं। उसका चेहरा डर से कँपकँप रहा था, और उसके शब्दों में वह घबराहट साफ़ झलक रही थी। उसने बताया कि कैसे आत्मा ने उसे पकड़ने की कोशिश की थी, और उस अजीब सी ठंडी हवा के बारे में भी बताया जो उसे छू रही थी। विक्रम ने चेतावनी दी कि कोई भी उस झील के पास न जाए, क्योंकि वहाँ की खौ़फनाक घटनाएँ किसी के भी होश उड़ा सकती हैं।
विक्रम ने यह तय किया कि वह अब उस झील के पास कभी नहीं जाएगा, और उसने सबको चेतावनी दी कि कोई भी उस झील के पास न जाए, क्योंकि वह जगह आत्माओं के साये से भरी हुई है। कुछ समय बाद उस झील के पास जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया, और धीरे-धीरे लोग उस खौ़फनाक झील को भूल गए। लेकिन जिन लोगों ने उस झील का सामना किया था, वे कभी नहीं भूल पाएंगे कि वहाँ क्या हुआ था। झील के रहस्य के बारे में किसी ने और अधिक जानने की कोशिश नहीं की, और वह जगह अब एक अजनबी जगह बन गई थी, जिसे कोई छूने की भी हिम्मत नहीं करता था।
उस दिन के बाद, गाँव में लोग रात को जल्दी सो जाते थे, और झील की ओर से आते किसी भी अजीब आवाज़ को लेकर चिंता में रहते थे। किसी ने भी उस झील के पास जाने की हिम्मत नहीं की, और वह पूरी तरह से एक डरावनी कहानी बन गई, जिसे केवल बुजुर्गों से सुना जाता था। उस झील के पास से गुजरते समय, लोग अब एक दूसरे से पूछते थे, "क्या तुमने उस जलती आत्मा के बारे में सुना?" और फिर यह कहानी उस डरावनी झील के रहस्य के रूप में हमेशा के लिए जीवित रही।