यह कहानी एक छोटे गाँव की है, जहाँ एक वीरान और खौ़फनाक रात की शांति को एक अजीब साया तोड़ता है। इस साये के बारे में गाँव में बहुत सी कहानियाँ फैली हुई थीं, लेकिन कोई भी व्यक्ति इस बात का विश्वास करने के लिए तैयार नहीं था। लोग कहते थे कि एक पुराना पेड़ है, जहाँ रात को एक काला साया घूमता है और किसी को अपनी चपेट में ले लेता है। बहुत साल पहले गाँव के कुछ लोग उस पेड़ के पास गए थे और फिर कभी वापस नहीं लौटे थे।

एक दिन गाँव में एक नया परिवार आया। रामू, जो एक युवा युवक था, अपने माता-पिता के साथ उस गाँव में बसने आया था। उन्होंने सुनी थी कि यहाँ रातें बहुत शांति से कटती हैं, लेकिन उन्हें क्या पता था कि यह शांति एक अजीब खौ़फनाक घटना की छांव में है। पहले तो वह सब कुछ सामान्य समझते थे, लेकिन जैसे-जैसे रातें बढ़ीं, रामू को कुछ अजीब घटनाएँ महसूस होने लगीं। एक रात, जब वह अपने कमरे में अकेला था, तो उसने महसूस किया कि घर में जैसे कोई छुपा हो।

एक रात, जब रामू अपने कमरे में अकेला था, उसने खिड़की से बाहर देखा और उसे एक काला साया दिखा जो पेड़ के पास खड़ा था। उसकी आँखों में अजीब सी चमक थी और वह साया धीरे-धीरे पेड़ से निकलकर उसके घर की ओर बढ़ रहा था। रामू का दिल तेजी से धड़कने लगा, लेकिन उसने सोचा कि यह सब उसकी कल्पना है। वह डर के बजाय सोने की कोशिश करने लगा, लेकिन उसकी आँखें बंद नहीं हो रही थीं। उसकी आँखों में एक अजीब सा डर था, और वह बार-बार खिड़की की तरफ देखता।

लेकिन जैसे-जैसे रात बढ़ी, कमरे में एक अजीब सी ठंडक फैलने लगी। दरवाजे की दरार से एक कटा-फटा और गंदा चेहरा नजर आया। वह चेहरा किसी इंसान का नहीं था, बल्कि एक भूतिया रूप था जिसमें सड़न और साया था। रामू की आँखों से डर छलकने लगा और वह कांपते हुए उठ खड़ा हुआ। वह नहीं जानता था कि वह क्या देख रहा था, लेकिन उसका दिल इतना तेज़ धड़क रहा था कि उसे लगा जैसे वह तुरंत बेहोश हो जाएगा। वह कमरे में इधर-उधर भागने लगा, लेकिन वह चीज़ धीरे-धीरे उसकी ओर बढ़ने लगी।

वह साया कमरे के अंदर आया और धीरे-धीरे रामू की ओर बढ़ने लगा। रामू ने आँखें बंद कीं और जोर से चिल्लाया, "माँ-पापा!" लेकिन अचानक ही वह साया चुपचाप गायब हो गया। उसकी चीखें घर की दीवारों में गूंजने लगीं, जैसे उसकी आवाज़ अब भी उसी कमरे में मौजूद हो। रामू की रूह कांप उठी, लेकिन जब उसने कमरे का दरवाजा खोला, तो बाहर किसी का नामलेवा नहीं था। उसे लगता था जैसे यह कोई सपना हो, लेकिन वह जानता था कि वह सच में डर से जूझ रहा था।

अगले दिन सुबह रामू ने अपने माता-पिता से यह घटना बताई, लेकिन वे यह सुनकर हंसी में बदल गए। उनके लिए यह सिर्फ एक बुरी कल्पना थी। लेकिन रामू जानता था कि वह साया सिर्फ कल्पना नहीं था, बल्कि असली था। उस रात के बाद वह कई दिनों तक सो नहीं सका, क्योंकि वह साया हर रात कमरे के पास घूमता हुआ उसे डराता था। हर रात रामू की आँखों में डर था, और वह यह नहीं समझ पा रहा था कि यह क्या हो रहा था। उसकी नींद उचट चुकी थी, और वह केवल उसी अजीब साये के बारे में सोचता रहता था।

एक दिन, रामू ने गाँव के एक बुजुर्ग से सुनी कि यह साया किसी पुराने पापी की आत्मा का था। कहा जाता था कि कई साल पहले उस पेड़ के पास एक व्यक्ति ने आत्महत्या की थी, और उसकी आत्मा अब तक उस पेड़ और आस-पास के क्षेत्र में भटकती रहती थी। वह आत्मा अब किसी को भी अपना शिकार बना लेती थी, खासकर उन लोगों को जो उसके पास जाते थे। रामू को यह सुनकर विश्वास नहीं हुआ, लेकिन उसे यह सोचकर डर लगने लगा कि क्या वह भी इस साये का अगला शिकार बनेगा।

रामू ने सोचा कि इस आत्मा से छुटकारा पाने के लिए उसे कुछ करना होगा। वह उस पेड़ के पास गया और वहां उस आत्मा के प्रति सम्मान प्रकट किया। उसने खुद को उस आत्मा से माफी मांगने का प्रयास किया, लेकिन जैसे ही वह शब्द बोल रहा था, वह साया फिर से सामने आ खड़ा हुआ। यह साया अब पहले से कहीं अधिक भयावह और खौ़फनाक था। उसकी आँखें चमक रही थीं, और वह तेजी से रामू की ओर बढ़ने लगा। रामू की सांसें अटक गईं, लेकिन वह किसी तरह खड़ा रहा।

इस बार, वह साया उसकी ओर तेज़ी से बढ़ने लगा और उसे अपनी गिरफ्त में लेने की कोशिश की। रामू की हड्डियाँ कांप रही थीं, और उसका दिल धड़कते-धड़कते रुकने वाला था। लेकिन रामू ने डरने की बजाय अपने साहस को बुलाया और उसने एक तंत्र-मंत्र का प्रयोग किया, जो गाँव के एक पुराण में बताया गया था। जैसे ही उसने मंत्र बोलना शुरू किया, वह साया डर के मारे चीखता हुआ गायब हो गया। उसकी हंसी और वह अजीब छाया कहीं खो गई।

पूरे गाँव में शांति फैल गई, और उस पेड़ के पास कभी वह डरावना साया नहीं दिखा। रामू ने महसूस किया कि उसने एक बड़ी लड़ाई लड़ी थी, और अब वह आत्मा शांत हो चुकी थी। गाँव के लोग भी यह देखकर हैरान थे कि एक लड़के ने इस प्रेतात्मा से छुटकारा पाया। रामू का साहस अब पूरे गाँव में एक मिसाल बन चुका था। लोग उसे अपनी बहादुरी के लिए सराहने लगे, और उस रात के बाद गाँव में कभी कोई अजीब घटना नहीं घटी।