एक छोटे से गाँव के पास एक अद्भुत झील थी, जिसे लोग "सपनों की झील" कहते थे। यह झील बहुत ही खूबसूरत थी, लेकिन इसका असली जादू यह था कि इस झील में उतरने से किसी के भी सपने सच हो जाते थे। लेकिन यह जादू सिर्फ उन लोगों के लिए था जो दिल से अच्छे थे और जिनके सपनों में सच्चाई थी।

गाँव में एक प्यारी सी लड़की रहती थी जिसका नाम था प्रीति। प्रीति बहुत ही समझदार और दयालु थी। वह हमेशा दूसरों की मदद करती थी और अपने सपनों को साकार करने के लिए मेहनत करती थी। एक दिन, प्रीति ने सुना कि सपनों की झील में उतरने से सपने सच होते हैं। वह झील को देखने के लिए बहुत उत्साहित हो गई, लेकिन उसके मन में एक सवाल था – "क्या सच में सपने सच हो सकते हैं?"

प्रीति ने एक दिन गाँव के बुजुर्ग से पूछा, "क्या सपनों की झील सच में जादुई है?" बुजुर्ग ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "यह झील उस वक्त जादुई हो जाती है जब तुम अपने दिल से अपने सपने साकार करने का इरादा करते हो। यह झील तुम्हारी मेहनत और ईमानदारी को देखती है।"

प्रीति ने बुजुर्ग की बातों को ध्यान से सुना और अगले दिन वह झील की ओर चल पड़ी। जब वह झील के पास पहुँची, तो उसने देखा कि झील का पानी बहुत शांत था और उसमें सूरज की किरणें झिलमिलाती थीं। प्रीति ने झील में कूदने का मन बना लिया। जैसे ही वह झील में उतरी, उसे महसूस हुआ कि उसे अपने सपनों की दिशा में एक नई शक्ति मिल रही है।

प्रीति ने अपने सपने में सोचा था कि वह एक बड़ी कलाकार बनेगी, जो अपनी कला से दुनिया को बदलेगी। झील में उतरते ही उसे अपनी कला के प्रति एक गहरी प्रेरणा मिली। उसे एहसास हुआ कि सच्चे सपने वही होते हैं जिनके पीछे मेहनत और संघर्ष होता है।

प्रीति ने अगले कुछ महीनों में अपनी कला में सुधार किया। वह दिन-रात मेहनत करती रही और अपनी कला की प्रदर्शनी भी आयोजित की। उसकी कला ने लोगों के दिलों को छुआ और धीरे-धीरे वह एक प्रसिद्ध कलाकार बन गई। प्रीति ने यह महसूस किया कि असली जादू सपनों की झील में नहीं, बल्कि अपनी मेहनत और विश्वास में था।

एक दिन, जब प्रीति झील के पास से गुजर रही थी, उसने झील के पानी में अपनी छवि देखी और मुस्कुराई। उसे याद आया कि झील ने उसकी सहायता नहीं की, बल्कि उसकी अपनी मेहनत और सच्चाई ने उसे सफलता दिलाई थी। झील बस एक प्रतीक थी, जो यह बताती थी कि अपने सपनों के पीछे लगन और ईमानदारी से काम करना जरूरी है।

अब प्रीति हर साल झील के पास जाती थी और वहाँ बैठकर अपने सपनों और भविष्य के बारे में सोचती थी। वह जानती थी कि सपना वही सच्चा होता है, जो मेहनत और सच्चाई से पूरा होता है।

सीख: "सपने सच्चे होते हैं, लेकिन उन्हें साकार करने के लिए मेहनत और ईमानदारी जरूरी है।"

समाप्त