यह कहानी एक युवक, मुकेश की है, जो एक छोटे से गाँव में अपने परिवार के साथ रहता था। एक दिन उसे एक पुराने और रहस्यमयी रास्ते के बारे में सुना। वह रास्ता गाँव के बाहर एक पुराने क़ब्रिस्तान के पास से होकर जाता था, जहां कुछ लोग कहते थे कि रात में वहां से गुजरने वालों को अजीब आवाजें और भूत-प्रेत दिखाई देते थे। मुकेश को इन बातों पर विश्वास नहीं था, लेकिन वह हमेशा ही रोमांच की तलाश में रहता था।
वह गाँव में रहने वाला एक साहसी लड़का था, जिसे हमेशा किसी न किसी खौ़फनाक घटना के बारे में सुनने का शौक था। जब भी कोई नई डरावनी कहानी सुनने को मिलती, वह तुरंत उस पर यकीन करने की बजाय उस सच का पता लगाने की कोशिश करता। मुकेश को पूरा विश्वास था कि भूत-प्रेत सिर्फ अफवाहें होती हैं, जो लोग अपने डर से पैदा करते हैं। लेकिन उस रात, उसने तय किया कि वह क़ब्रिस्तान के पास उस रास्ते से होकर जाएगा, और सब कुछ खुद देखेगा।
एक रात, मुकेश ने फैसला किया कि वह उस रास्ते से गुज़रेगा। रात के अंधेरे में, उसने क़ब्रिस्तान की ओर बढ़ते हुए रास्ते की ओर कदम बढ़ाए। जैसे ही वह रास्ते में चला, हवा में एक अजीब सी ठंडक थी। उसके कदम जैसे ही बढ़ते, उसे पीछे से धीरे-धीरे पैरों की आवाज़ सुनाई देने लगी। उसने सोचा कि यह शायद उसकी कल्पना होगी, लेकिन आवाजें तेज होती गईं। अब वह समझ चुका था कि कोई उसके पीछे चल रहा था।
मुकेश ने झुंझलाकर पीछे मुड़कर देखा, और उसकी आँखों के सामने एक भूतिया लाश खड़ी थी। लाश का चेहरा सड़ा हुआ और आंखें खोखली थीं। वह सड़ांध से भरी हुई थी और शरीर पर रक्त के धब्बे थे। मुकेश ने अपनी आँखें झपकाई, लेकिन लाश वहीं खड़ी थी, और जैसे ही उसने उस लाश की ओर बढ़ने का इरादा किया, उसकी खौ़फनाक हंसी सुनाई दी। वह हंसी एक अजीब सी गूंज थी, जो मुकेश के कानों में घुसी और उसके शरीर में ठंडक दौड़ा दी।
"तुम हमारे रास्ते से गुजरने वाले हो, अब तुम नहीं बच सकते," लाश बोली, और मुकेश के शरीर में कंपकंपी दौड़ गई। मुकेश ने तुरंत भागने की कोशिश की, लेकिन जैसे ही उसने मुंह मोड़ा, उसके पैरों के नीचे से धरती कांपने लगी। पूरी क़ब्रिस्तान की ज़मीन हलचल करने लगी, और जैसे किसी ने उसे जकड़ लिया हो, वह पूरी तरह से असहाय हो गया। उसने घबराए हुए कदमों से दौड़ते हुए क़ब्रिस्तान से बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन एक और लाश उसके सामने आ खड़ी हुई।
यह लाश भी उसी तरह विकृत थी, और उसने मुकेश को घूरते हुए कहा, "तुमसे पहले भी कई लोग आए थे, और अब तुम भी हमारी तरह फंसे हो।" मुकेश को समझ में नहीं आया कि यह सब क्या हो रहा है। उसके मन में डर समा चुका था, लेकिन उसने हिम्मत जुटाकर एक बार फिर भागने की कोशिश की। उसने महसूस किया कि उसकी जान पर बन आई थी, और इन लाशों से बचने का कोई तरीका नहीं था।
जैसे ही मुकेश ने दौड़ते हुए एक मोड़ पर मुंह मोड़ा, उसे अचानक और लाशें दिखने लगीं। चारों ओर लाशें घेरने लगीं, और हर लाश की आंखों में एक खौ़फनाक गहराई थी। उन लाशों के चेहरे अब पूरी तरह से विकृत हो चुके थे, और उनकी हंसी ने रात को और भी डरावना बना दिया। मुकेश के शरीर में अब किसी तरह की ताकत नहीं बची थी, और वह गिरते-गिरते किसी तरह क़ब्रिस्तान के बाहर पहुंचा।
क़ब्रिस्तान से बाहर आते ही, मुकेश ने महसूस किया कि उसे कुछ बहुत भारी महसूस हो रहा है। वह पूरी तरह से थक चुका था, लेकिन जैसे ही उसने पीछे मुड़कर देखा, वह देखता है कि लाशें उसके पीछे चल रही हैं, जैसे वह उनका शिकार हो। उसे यह समझ में आ चुका था कि ये लाशें उसे कभी नहीं छोड़ने वाली हैं। मुकेश की सांसें उखड़ी हुई थीं, और उसकी हालत बेहद खराब हो चुकी थी। उसे लगता था कि वह किसी बुरे सपने में जी रहा है, लेकिन वह सच था।
उसने ज़िंदगी में कभी ऐसा खौ़फनाक दृश्य नहीं देखा था, और उसकी पूरी शरीर में डर समा गया था। जैसे ही लाशें उसके पास पहुंची, मुकेश ने अपनी आखिरी कोशिश की और जोर से चिल्लाया। वह पूरी तरह से टूट चुका था, और उसकी आवाज़ में वह डर और घबराहट थी, जो उसने कभी महसूस नहीं की थी। उसके शरीर के अंगों में कोई ताकत नहीं बची थी, और उसकी खौ़फनाक स्थिति देखकर उसे लगा कि अब वह बच नहीं सकता।
अगले दिन सुबह, गाँव वाले मुकेश को ढूंढने के लिए निकले, लेकिन वह कहीं नहीं मिला। कुछ लोगों ने क़ब्रिस्तान में लाशों को देखा, जो अब वहाँ नहीं थीं। वे मानते थे कि मुकेश उन लाशों के पीछा करते हुए किसी अजीब दुनिया में खो चुका था। कुछ लोग कहते थे कि मुकेश का शरीर अब उन लाशों के जैसे ही विकृत हो गया था, और वह अब उनके साथ ही घूमता है। किसी ने भी उसकी तलाश को खत्म नहीं किया, क्योंकि अब सभी यह मानने लगे थे कि वह लाशों के झुंड में खो चुका था।
कुछ समय बाद गाँव में अजीब घटनाएँ घटने लगीं। लोग रात को क़ब्रिस्तान के पास से गुजरते वक्त अजीब आवाजें सुनने लगे। हर रात वहाँ कोई न कोई नया शिकार हो रहा था। मुकेश की खौ़फनाक क़ब्रिस्तान यात्रा ने गाँव को एक भूतिया जगह में बदल दिया था। और यह डर अब उस गाँव के हर हिस्से में फैल चुका था।