एक छोटे से गाँव में बहुत सुंदर पेड़ थे। एक पेड़ था जिसका नाम था वटवृक्ष। यह पेड़ बहुत पुराना था और उसकी शाखाएँ बहुत बड़ी-बड़ी थीं। उसके नीचे बहुत सारे जानवर और पक्षी रहते थे। लेकिन वटवृक्ष हमेशा एक चीज़ से परेशान था, और वह था गाँव में आने वाली हवा।
हवा कभी बहुत तेज़ चलती, तो कभी बहुत धीरे। पर एक दिन गाँव में एक नई हवा आई, और उसकी खुशबू और मिठास ने सभी को मोहित कर लिया। यह हवा थी मिठास भरी हवा। जब यह हवा गाँव में आई, तो हर पेड़-पौधा, हर पक्षी और हर जानवर खुश हो गया। सभी ने महसूस किया कि इस हवा में कुछ खास था। यह हवा ना सिर्फ मीठी खुशबू लाती थी, बल्कि उसके आने से सभी के दिल भी खुश हो जाते थे।
वटवृक्ष ने भी महसूस किया कि यह हवा उसकी पुरानी समस्याओं का हल हो सकती है। वह हमेशा से सोचता था कि गाँव के लोग उसे और उसकी छांव को कम समझते थे। वह चाहता था कि लोग उसकी भी कद्र करें, लेकिन वह जानता था कि उसकी लंबी शाखाएँ और घने पत्ते कभी भी गाँव के बच्चों और जानवरों के लिए खास नहीं रहे।
मिठास भरी हवा ने वटवृक्ष से कहा, "तुम चिंता क्यों करते हो, तुमसे कोई दूर नहीं है। तुम्हारी जड़ें और शाखाएँ बहुत मजबूत हैं। तुम्हारी छांव में तो सारे जानवर, पक्षी और लोग आराम से बैठ सकते हैं। लेकिन तुम्हारी असली ताकत तुम्हारे दिल में है, तुम्हारी अच्छाई और धैर्य में है।"
वटवृक्ष को यह सुनकर बहुत अच्छा लगा और उसने यह सोचा कि वह अपनी छांव में बैठने वाले लोगों की मदद करेगा। अगले दिन, उसने अपनी शाखाओं से गाँव के बच्चों के लिए एक सुंदर झूला तैयार किया। साथ ही, उसने अपनी जड़ों के पास एक प्यारा सा बगीचा भी लगाया, जहाँ बच्चे खेल सकते थे।
मिठास भरी हवा ने उसे देखा और मुस्कराते हुए बोली, "देखो, तुमने अपनी अच्छाई से कितनी सुंदर चीज़ें बनाई हैं। अब तुम देखोगे कि सभी लोग तुम्हारी कद्र करेंगे।" सच में, गाँव के बच्चे और जानवर अब वटवृक्ष के पास आने लगे। बच्चों ने झूला झूलते हुए कहा, "यह पेड़ सबसे अच्छा है! हम यहाँ खेलने आना चाहते हैं।"
धीरे-धीरे गाँव के सभी लोग वटवृक्ष के पास आने लगे। सब ने महसूस किया कि यह पेड़ सिर्फ छांव देने के लिए नहीं, बल्कि उसकी मिठास भरी हवा और अच्छाई के कारण सबसे खास था। अब वटवृक्ष को उसकी असली कद्र मिल रही थी।
मिठास भरी हवा ने यह देखा और वटवृक्ष से कहा, "देखो, तुम्हारे दिल की अच्छाई ने ही तुम्हारे आस-पास के सभी को खुश किया। अब तुम्हारी छांव में सिर्फ शांति और खुशी है।"
वटवृक्ष ने कहा, "धन्यवाद, मिठास भरी हवा! आपने मुझे यह समझाया कि अच्छाई से ही सब कुछ बदल सकता है। जब हम अपने दिल से अच्छाई करते हैं, तो हमारी असली चमक निकल कर आती है।"
सीख: "सच्ची मिठास दिल से आती है। जब हम अच्छाई और प्यार से दूसरों की मदद करते हैं, तो हम अपने आस-पास की दुनिया को और भी सुंदर बना सकते हैं।"
समाप्त