एक समय की बात है, आकाश में एक छोटा सा गुलाबी बादल था। उसका नाम था रूपा। रूपा हमेशा अपने सफर पर निकलने के लिए तैयार रहती थी, लेकिन उसे एक बात परेशान करती थी—वह कभी अपने सपनों को पूरा नहीं कर पा रही थी। रूपा का सपना था कि वह पूरी दुनिया को अपनी सुंदर गुलाबी रंगत से रंग दे, लेकिन उसे यह नहीं पता था कि ऐसा कैसे संभव होगा।

रूपा अक्सर आसमान में उड़ते हुए सोचती थी, "क्या मैं कभी अपने सपने को पूरा कर सकूँगी?" वह दिन-प्रतिदिन अपने आस-पास के बादलों को देखती और उनके रंगों को देखकर दुखी होती। सभी बादल सफेद, काले या हल्के नीले रंग के थे, लेकिन रूपा का रंग गुलाबी था, जो उसे खास बनाता था।

एक दिन, रूपा ने सोचा, "अगर मैं खुद को दूसरों से अलग करके कुछ अच्छा कर सकूं तो क्या होगा?" उसने अपनी आँखें बंद की और सोचने लगी, "मेरे पास गुलाबी रंग है, तो क्यों न मैं इसी रंग में कुछ खास करूँ?"

अगले दिन रूपा ने आकाश में ऊँची उड़ान भरी और फिर उसने अपना सपना पूरा करने का तरीका ढूँढ़ लिया। वह धीरे-धीरे सूरज के पास पहुँची और उसकी गर्मी को महसूस करते हुए अपनी गुलाबी रंगत से आकाश को रंगने लगी। जैसे ही रूपा ने अपनी गुलाबी रंगत से आकाश को रंगा, आकाश का दृश्य बहुत ही सुंदर हो गया। सूरज की किरणें उसके गुलाबी रंग से मिलकर और भी जादुई लगने लगीं।

रूपा ने देखा कि उसकी रंगत से आकाश में नई रोशनी फैल रही थी। धीरे-धीरे और बादल उसकी रंगत को देखकर प्रभावित हुए और उन्होंने भी अपने रंग में बदलाव लाने का सोचा। रूपा के गुलाबी रंग ने सभी बादलों को अपनी ओर आकर्षित किया। अब पूरा आकाश गुलाबी रंग में रंग चुका था। आकाश की यह खूबसूरती सभी को बहुत पसंद आई।

रूपा को यह देखकर खुशी हुई कि उसने अपने सपने को सच कर दिखाया। अब वह समझ चुकी थी कि अपनी विशेषता को अपनाकर और खुद पर विश्वास करके किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है।

रूपा ने आकाश में एक ओर उड़ान भरी और उसे एहसास हुआ कि सपने सच तभी होते हैं जब हम अपनी खुद की पहचान को स्वीकार करते हैं और उसी के साथ आगे बढ़ते हैं।

इस तरह गुलाबी बादल रूपा ने अपने सपने को पूरा किया और आसमान को रंगीन बना दिया। अब वह अपने सपने को पूरा करने के बाद आकाश में हर रोज़ उड़ान भरती थी, और उसका सपना अब पूरे आकाश में फैल चुका था।

सीख: "अपनी विशेषताओं को अपनाकर और खुद पर विश्वास करके हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं।"

समाप्त