एक छोटे से गाँव में एक प्यारी सी लड़की रहती थी, जिसका नाम था नीरा। नीरा के पास कुछ खास था - उसकी एक जादुई हंसी। जब भी नीरा हंसती, उसके हंसी के साथ एक मिठी सी ध्वनि सुनाई देती थी, जो हर किसी के दिल को खुशी से भर देती।
नीरा की हंसी में इतना जादू था कि जब भी गाँव में कोई परेशान होता, उसकी हंसी सुनते ही उसकी उदासी गायब हो जाती थी। उसकी हंसी के बिना गाँव में कोई भी दिन अधूरा लगता। लोग कहते थे, "नीरा की हंसी किसी जादू से कम नहीं है!"
एक दिन, गाँव में एक नया लड़का आया जिसका नाम था कृष्ण। कृष्ण बहुत ही गुमसुम और उदास लड़का था। वह हमेशा अकेला बैठा रहता और किसी से बात नहीं करता। गाँव के बच्चे और बड़े उसे समझाने की कोशिश करते, लेकिन वह कभी खुश नहीं होता।
एक दिन नीरा ने कृष्ण को देखा और उसने सोचा, "क्या मैं कृष्ण को अपनी हंसी से खुश कर सकती हूँ?" नीरा ने तुरंत एक योजना बनाई। वह कृष्ण के पास गई और मुस्कुराते हुए बोली, "कृष्ण, क्या तुम मेरे साथ खेलना चाहोगे?" कृष्ण ने मुँह लटकाते हुए जवाब दिया, "नहीं, मुझे खेलने का मन नहीं है।"
नीरा ने कृष्ण को देखा और फिर अपनी जादुई हंसी को एक बार फिर से उगला। हंसी की ध्वनि इतनी प्यारी थी कि कृष्ण ने पहली बार दिल से मुस्कुराया। उसकी आँखों में एक चमक आ गई। नीरा की हंसी ने उसकी उदासी को कुछ पल के लिए भुला दिया था।
"क्या तुम जानते हो?" नीरा ने कहा, "हंसी सिर्फ आवाज नहीं है, यह एक जादू है, जो हर दिल को खुश कर देती है।" कृष्ण ने हंसते हुए कहा, "तुम सही कह रही हो, तुम्हारी हंसी सच में जादुई है।"
धीरे-धीरे, कृष्ण भी नीरा के साथ और बच्चों के साथ खेलता और हंसी में शामिल हो जाता। वह अब पहले से ज्यादा खुश रहने लगा। गाँव के लोग देखकर हैरान थे कि एक छोटी सी हंसी ने कृष्ण की जिंदगी में कितनी खुशी भर दी।
एक दिन गाँव में एक बड़ा मेला था। सभी लोग मेला देखने गए, लेकिन कृष्ण का दिल फिर से उदास हो गया। वह अकेला खड़ा था, तभी नीरा आई और एक बार फिर अपनी हंसी से कृष्ण को चमत्कृत कर दिया। उसकी हंसी सुनते ही कृष्ण की उदासी तुरंत गायब हो गई और उसने खुशी से मेला देखा।
नीरा ने कृष्ण से कहा, "हमेशा याद रखो, हंसी वह जादू है, जो तुम्हारी दुनिया को खूबसूरत बना सकता है।" कृष्ण ने खुशी से सिर हिलाया और कहा, "अब मैं जानता हूँ कि हंसी कितनी महत्वपूर्ण है।"
अब कृष्ण भी नीरा की तरह खुश रहता था। वह दूसरों को भी अपनी हंसी के जादू से खुश करता। और गाँव में हर जगह हंसी की गूंज सुनाई देती थी।
सीख: "हंसी में शक्ति है। यह न केवल हमें खुशी देती है, बल्कि हमारे आस-पास के लोगों को भी खुश कर देती है। हमें अपनी हंसी को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह जीवन को सुंदर बनाती है।"
समाप्त