एक छोटे से गाँव में एक लड़का रहता था जिसका नाम था अमन। अमन बहुत ही जिज्ञासु और साहसी था। उसे रात में आकाश में चाँद को देखना बहुत अच्छा लगता था। हर रात वह अपनी छत पर जाकर चाँद की खूबसूरती का आनंद लेता।

एक दिन अमन अपने गाँव के नजदीकी तालाब के पास खेलने गया। वह तालाब के किनारे खड़ा था और पानी में झलकते हुए चाँद को देख रहा था। चाँद की चाँदनी पानी में इस तरह से बिखरी हुई थी जैसे किसी ने चाँदी की चादर ओढ़ा दी हो। अमन ने सोचा, "चाँद तो आकाश में है, लेकिन पानी में उसकी झलक कितनी सुंदर है!"

अमन ने सोचा, "क्या हो अगर मैं पानी में उतरकर चाँद को छू सकूँ?" वह अपने पैरों में पानी डालते हुए तालाब के अंदर घुसने लगा। लेकिन जैसे ही उसने पानी में एक कदम रखा, वह ठंडे पानी में डूबते हुए असमंजस में पड़ गया। वह समझ ही नहीं पाया कि पानी में चाँद का छूना इतना आसान क्यों नहीं था।

अचानक, उसके सामने एक बूढ़ा आदमी आया, जो तालाब के किनारे पर खड़ा था और उसे देख रहा था। वह आदमी मुस्कुराया और अमन से बोला, "बच्चे, तुम चाँद को पानी में नहीं छू सकते। चाँद आकाश में है, और पानी में उसकी झलक ही हमें जीवन की असल सच्चाई सिखाती है।"

अमन ने थोड़ा सोचा और फिर उससे पूछा, "तब क्या मैं कभी चाँद को छू पाऊँगा?" बूढ़े आदमी ने उत्तर दिया, "तुम जब तक चाँद को सिर्फ देखोगे और उसकी झलक को अपने दिल में समझोगे, तब तक तुम्हारा सपना पूरा नहीं होगा। लेकिन यदि तुम चाँद की तरह अपनी राह पर चलते रहोगे, तो एक दिन तुम्हें वह सच में मिलेगा।"

अमन ने बूढ़े आदमी की बात को ध्यान से सुना और समझा। वह तालाब से बाहर आया और घर की ओर चल पड़ा। उसे अब यह समझ में आया कि जीवन में किसी लक्ष्य तक पहुँचने के लिए सिर्फ उसे देखना ही नहीं, बल्कि उस रास्ते पर मेहनत और विश्वास के साथ चलना भी जरूरी है।

उस दिन से अमन ने अपनी मेहनत और अच्छे विचारों के साथ अपने जीवन के हर कदम को एक नई दिशा दी। वह अब न सिर्फ चाँद को देखता, बल्कि उसकी तरह अपनी चमक और रोशनी को फैलाने का प्रयास करता। अब वह जानता था कि चाँद केवल आकाश में चमकता नहीं, बल्कि हर दिल में चमकता है।

अमन ने सीखा कि कभी भी किसी चीज़ को हासिल करने के लिए सिर्फ उसकी झलक देखना ही काफी नहीं होता, बल्कि हमें उस तक पहुँचने के लिए दिल से मेहनत करनी चाहिए। चाँद की तरह हमें भी अपनी राह पर निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए।

सीख: "जब हम अपने सपनों को सिर्फ देख नहीं, बल्कि उन्हें अपने दिल में महसूस करते हैं और उनके लिए कठिन मेहनत करते हैं, तो हमें अपने सपने जरूर मिलते हैं।"

समाप्त