शहर के बाहर एक पुराने और रहस्यमय रास्ते की कहानी है जिसे लोग "भूतिया पथ" कहते थे। इस रास्ते के बारे में कई किस्से थे, जो हर किसी को डराने के लिए काफी थे। कई सालों से इस रास्ते पर अजीब-अजीब घटनाएँ घट रही थीं, लेकिन कोई भी उस रास्ते पर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था। यहाँ तक कि रात के समय उस रास्ते पर जाने वाले लोग गायब हो जाते थे। किसी ने भी यह नहीं समझा था कि आखिर क्या था इस रास्ते के पीछे, और क्यों यह इतना खतरनाक माना जाता था।

यह कहानी एक ऐसे व्यक्ति, अरुण की है, जो कभी भी डर से परिचित नहीं था। अरुण एक साहसी और जिज्ञासु युवक था। उसे हमेशा नई चीजों को जानने की उत्सुकता रहती थी, और वह अपनी सीमाओं को चुनौती देना पसंद करता था। एक दिन उसने तय किया कि वह इस रहस्यमय रास्ते पर जाएगा और खुद देखेगा कि क्या सच में कोई भूत-प्रेत का साया है, जैसा कि लोग कहते थे। वह पूरी तरह से तैयार था, और उसकी सोच थी कि वह इस रहस्य को खत्म कर देगा।

जब अरुण ने "भूतिया पथ" पर कदम रखा, तो सब कुछ सामान्य लग रहा था। सूरज की हल्की रौशनी रास्ते के किनारों पर पड़ रही थी और वातावरण में एक अजीब सी खामोशी थी। लेकिन जैसे-जैसे वह रास्ते के बीच में पहुँचा, अजीब सी ठंडक और डर का अहसास होने लगा। हवा में एक अजीब सी महक थी, जैसे किसी पुराने मकान में सड़ी हुई चीजें रखी हों। वह सोचने लगा कि शायद यह महक उसके खुद के डर का परिणाम हो, लेकिन फिर उसे महसूस हुआ कि इस रास्ते में कुछ और था, जो उसे खींच रहा था।

अचानक, अरुण को ऐसा महसूस हुआ जैसे उसके पीछे कोई चल रहा हो। उसने मुड़कर देखा, लेकिन वहां कोई नहीं था। फिर उसने सुनी, किसी की धीमी सी हंसी। यह हंसी इतनी खौ़फनाक थी कि अरुण की रीढ़ की हड्डी कांप गई। वह यह सोचने लगा कि "शायद ये मेरी कल्पना है", लेकिन जैसे ही उसने कदम बढ़ाए, उसे फिर वही हंसी सुनाई दी। यह हंसी अब उसके बिल्कुल पास थी, और उसे यकीन हो गया कि यह कुछ और ही था।

अरुण ने डर के बावजूद अपनी आंखों से चारों ओर देखा, लेकिन कुछ दिखाई नहीं दिया। लेकिन फिर अचानक, एक कटा हुआ और बेहद डरावना चेहरा सामने आया। यह चेहरा ऐसा था, जैसे किसी अजनबी का था, लेकिन उसकी आँखों में खून की कमी और चेहरा सड़ा हुआ था। उसकी आँखें पूरी तरह से खाली और मृत दिख रही थीं। अरुण की सांस रुक गई और उसके शरीर में कंपन होने लगा। वह हिम्मत जुटा कर आगे बढ़ने की कोशिश करने लगा, लेकिन वह समझ नहीं पा रहा था कि इस अजनबी से कैसे निपटे।

वह डर के मारे दौड़ने लगा, लेकिन रास्ता मानो उसे और अधिक उलझाने लगा था। वह मुड़-मुड़ कर देखता रहा, लेकिन सब कुछ वैसा ही था, जैसे उसने पहले देखा था। उसका शरीर थकने लगा और हर कदम पर उसे लगता जैसे कोई उसके पीछे दौड़ रहा हो। उसकी सांसें तेज हो गईं, और घबराहट उसकी खोपड़ी में हावी हो रही थी। वह और भी घबराया हुआ था, और अब उसे भागने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा था। अचानक उसकी नजरें एक पुराने पेड़ पर पड़ीं, जिसके नीचे कुछ उभरे हुए शिलालेख थे।

वह शिलालेख देखता है और उसमें लिखे शब्दों को पढ़ता है: "जो इस रास्ते से गुजरते हैं, वे कभी लौटते नहीं।" यह शब्द उसे गहरे झटके में डाल गए। अरुण का दिल तेज़ी से धड़कने लगा और उसके मस्तिष्क में अनगिनत विचार घूमने लगे। उसने समझ लिया कि यह रास्ता किसी पुराने और खतरनाक शाप का हिस्सा था। उस क्षण में उसे महसूस हुआ कि वह एक जाल में फंस चुका है, जो उसे छोड़ने वाला नहीं था। आस-पास का वातावरण और भी घना हो गया।

इन शब्दों को पढ़ते ही अरुण को समझ में आ गया कि वह किसी खतरनाक जाल में फंस चुका है। उसने आकाश की ओर देखा और देखा कि एक काले बादल का धुंआ उसके ऊपर मंडरा रहा था। अचानक, अंधेरा घना हो गया और उसे लगा जैसे रास्ता अब बंद हो गया था। वह साया फिर से सामने आया, और अब उसकी हंसी और तेज हो गई थी। अरुण समझ नहीं पा रहा था कि वह अब कहाँ जाए, हर दिशा उसे और भी घेरती जा रही थी।

अरुण ने डरते-डरते अपना मुंह बंद किया और आँखें बंद कर लीं। जैसे ही उसने अपनी आँखें खोलीं, वह पाया कि वह वापस उसी जगह पर था जहां से उसने शुरुआत की थी। यह अनहोनी घटना उसे पूरी तरह से घेर चुकी थी, और उसे समझ में आ गया कि "भूतिया पथ" एक खौ़फनाक रहस्य था। अब वह पूरी तरह से समझ गया था कि इस रास्ते से गुजरना किसी के लिए भी सुरक्षित नहीं था। उस रास्ते पर क्या था, यह अब उसका सबसे बड़ा रहस्य बन चुका था।

अरुण ने हिम्मत जुटाकर वापस अपने घर की ओर रुख किया, लेकिन यह अनुभव उसे हमेशा परेशान करता रहा। वह जान चुका था कि "भूतिया पथ" के बारे में जितने भी किस्से थे, वह सभी सच थे। यह जगह खुद को सुरक्षित समझने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए खतरनाक हो सकती थी। उसने यह तय किया कि वह इस रहस्य को खत्म करने की कोशिश कभी नहीं करेगा। उसके बाद, उसने यह भी तय किया कि वह इस रास्ते के बारे में किसी को न बताएगा, क्योंकि वह जानता था कि इस खौ़फनाक जगह के बारे में कोई भी जानकारी लोगों के लिए मौत का कारण बन सकती थी।