एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में एक बच्चा रहता था जिसका नाम था राजू। राजू को रंगों से बहुत प्यार था। वह हमेशा अपनी किताबों में रंग भरता, दीवारों पर चित्र बनाता और हर जगह रंगों को ढूँढ़ता। उसे हर रंग की खासियत के बारे में जानने का बहुत शौक था। एक दिन राजू ने सोचा, "क्या हो अगर मैं रंगों की दुनिया में जा सकूँ?"

जैसे ही उसने यह सोचा, अचानक एक अद्भुत चीज़ हुई। वह एक जादुई रास्ते पर चल पड़ा और देखते ही देखते वह रंगों की दुनिया में पहुँच गया। वहाँ चारों ओर रंग-बिरंगे रंगों का माहौल था। आसमान नीला था, पेड़ हरे थे, और फूल हर रंग के थे। राजू को समझ में आ गया कि यह एक जादुई जगह है, जहाँ हर रंग की अपनी कहानी है।

पहले राजू ने लाल रंग के बारे में सुना। लाल रंग ने राजू को बताया, "मैं उत्साह और ऊर्जा का प्रतीक हूँ। जब लोग मुझे देखते हैं, तो उनका दिल खुश हो जाता है और उन्हें ताकत मिलती है।" राजू ने लाल रंग की दुनिया को देखा और पाया कि यह जगह बहुत ही ऊर्जावान थी। वहाँ हर जगह लोगों के चेहरों पर मुस्कान थी।

फिर राजू ने पीला रंग देखा, जो बहुत ही खुशमिजाज था। पीला रंग हंसते हुए बोला, "मैं खुशी और रोशनी का प्रतीक हूँ। जब लोग मुझे देखते हैं, तो उनका दिल खिल उठता है और वे खुश हो जाते हैं।" राजू ने देखा कि पीले रंग की दुनिया में हर जगह सूरज की रोशनी थी और सभी लोग हंसी में डूबे हुए थे।

उसके बाद, राजू को नीला रंग दिखाई दिया। नीला रंग बहुत शांत और ठंडा था। उसने राजू से कहा, "मैं शांति और स्थिरता का प्रतीक हूँ। जब लोग मुझे देखते हैं, तो उनका मन शांत हो जाता है और वे विचारशील हो जाते हैं।" राजू ने देखा कि नीली दुनिया में सब कुछ शांत और सुलझा हुआ था। यहाँ की हवा में एक अजीब सी शांति थी।

फिर राजू ने हरा रंग देखा। हरा रंग राजू को अपनी ओर खींचते हुए बोला, "मैं जीवन और ताजगी का प्रतीक हूँ। जब लोग मुझे देखते हैं, तो वे अपने शरीर और मन में ताजगी महसूस करते हैं।" राजू ने देखा कि हरे रंग की दुनिया में हरियाली थी और सारे पेड़-पौधे ताजे और जीवन से भरपूर थे। यह एक सुंदर और ताजगी से भरी दुनिया थी।

अंत में, राजू ने सफेद रंग की दुनिया देखी। सफेद रंग बहुत शुद्ध और पवित्र था। उसने राजू से कहा, "मैं शांति और पवित्रता का प्रतीक हूँ। जब लोग मुझे देखते हैं, तो उनका मन शुद्ध हो जाता है और वे हर काम को सच्चाई से करते हैं।" सफेद रंग की दुनिया बहुत ही शांत और पवित्र थी, जहाँ सब कुछ साफ और उजला था।

राजू ने सोचा, "हर रंग की अपनी खासियत है, और सभी रंगों का एक साथ होना ही रंगों की दुनिया को खूबसूरत बनाता है।" राजू को समझ में आ गया कि रंग न केवल हमारी आँखों को सुंदर लगते हैं, बल्कि हमारे मन और आत्मा को भी प्रभावित करते हैं।

तभी, रंगों की दुनिया का दरवाजा खुला और राजू ने अपनी आँखें खोली। वह अब समझ गया था कि हर रंग का महत्व होता है और हमें रंगों की सुंदरता को समझना चाहिए। रंगों की दुनिया ने उसे जीवन के बारे में बहुत कुछ सिखाया।

राजू ने अपने दोस्तों से कहा, "तुम्हें रंगों के बारे में और भी बहुत कुछ जानना चाहिए। हर रंग की एक अद्भुत कहानी है।" उसके बाद, राजू ने अपनी दुनिया को रंगों से भर दिया और हर दिन नए रंगों की सुंदरता का आनंद लिया।

सीख: "रंग केवल आँखों को सुंदर नहीं लगते, बल्कि वे हमारे जीवन को रंगीन और खूबसूरत बनाते हैं।"

समाप्त