एक दिन, राजीव अपने ऑफिस से घर लौट रहा था। उसका दिन सामान्य था, जैसे हर दिन होता था। लेकिन जब उसने अपने फोन पर एक अजनबी नंबर से कॉल उठाई, तो उसकी ज़िंदगी एक पल में बदल गई। कॉल करने वाले व्यक्ति ने सिर्फ एक वाक्य कहा, "तुम्हारे पास सिर्फ 48 घंटे हैं, तुम्हारी जिंदगी खतरे में है।" यह सुनते ही राजीव का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा, और उसके हाथों से फोन गिर पड़ा।
राजीव ने सोचा कि शायद यह किसी का मजाक है, लेकिन फिर भी उसका दिल कहीं न कहीं डर से भर गया था। अगले दो दिन में, अजनबी कॉलों की झड़ी लग गई। हर कॉल में उसे एक नई धमकी मिलती, जैसे किसी ने उसकी ज़िंदगी का हर कदम जकड़ लिया हो। राजीव ने पुलिस को शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस भी उसकी मदद नहीं कर पाई। कॉल करने वाला व्यक्ति बहुत ही चालाक था, और वह कभी अपने बारे में कोई जानकारी नहीं छोड़ता था।
एक दिन, राजीव ने एक और कॉल उठाया। इस बार, आवाज़ में खौफ था। "अगर तुमने अगले 24 घंटे में हमारे कहे मुताबिक नहीं किया, तो तुम्हारी सारी दुनिया उलट जाएगी," वह आवाज़ धमकाती हुई बोली। फिर एक तस्वीर आई, जो उसके घर के सामने की थी। राजीव के चेहरे का रंग उड़ गया। तस्वीर में उसके घर के बाहर एक अजनबी खड़ा था, और उसे ऐसा महसूस हुआ कि वह कहीं न कहीं बहुत बड़ी गड़बड़ी में फंस चुका था।
उस रात, राजीव को नींद नहीं आई। वह बार-बार अपने घर के दरवाजे और खिड़कियां चेक करता। उसे ऐसा लग रहा था जैसे कोई उसे देख रहा हो। सुबह होते-होते, उसकी घबराहट और बढ़ गई। हर कदम पर वह यह सोचता रहा कि क्या होगा अगर वह अगली कॉल में कुछ न कर पाए। वह डर में जी रहा था, और इस डर ने उसे पूरी तरह से घेर लिया था।
अगले दिन, उसे एक नया संदेश मिला, जिसमें लिखा था, "तुम्हारी दुनिया को पूरी तरह से बदलने का समय आ गया है। अब तुम्हारा अगला कदम तय करेगा कि तुम ज़िंदा रहोगे या नहीं।" राजीव को अब यह समझ में आ गया था कि यह कोई मजाक नहीं था। वह बहुत डर चुका था, और उसे अब अपनी जान की सलामती की चिंता थी।
वह शख्स, जो राजीव के पीछे पड़ा था, अब उससे लगातार संपर्क कर रहा था। उसकी एक-एक हरकत पर नजर रखी जा रही थी। राजीव ने अपनी पूरी कोशिश की, ताकि वह इस डर से बाहर निकले, लेकिन यह सब और भी उलझता गया। आखिरकार, राजीव ने एक योजना बनाई। उसने सोच लिया कि वह अब इस खतरे का सामना करेगा।
राजीव ने अपने घर में एक ट्रैकिंग डिवाइस छुपाया और खुद को एक जाल में फंसा हुआ महसूस करते हुए, किसी भी मदद का रास्ता खोजना शुरू किया। उसने फोन को ट्रैक किया और पता चला कि कॉल करने वाला व्यक्ति केवल उसे नहीं, बल्कि एक पूरी टीम को उसका पीछा करवा रहा था। यह समझते ही राजीव के होश उड़ गए। अब वह अकेला नहीं था, बल्कि एक बड़े खेल का हिस्सा था।
एक रात, जब राजीव को लगा कि अब वह किसी तरह अपनी जान बचा सकता है, तभी वह अजनबी व्यक्ति खुद उससे मिलने के लिए आया। उस अजनबी ने राजीव को बताया, "तुम्हारे खिलाफ एक बहुत बड़ा साजिश हो रही है। तुम इसे जानकर भी अनजान बने रहे, और अब वक्त आ गया है कि तुम्हें सच्चाई का पता चले।" यह सुनकर राजीव के अंदर एक नई ताकत आई, और उसे यकीन हो गया कि अगर वह इस सच्चाई को समझ जाए, तो वह अपनी ज़िंदगी को फिर से बदल सकता है।
उस अजनबी से बात करते वक्त, राजीव को यह एहसास हुआ कि उसके साथ क्या हो रहा था। वह सिर्फ एक धोखाधड़ी के चक्कर में फंसा था, जिसे उसकी ज़िंदगी की सबसे बड़ी सजा समझा गया था। उसने उस अजनबी की मदद से इस मामले की तह तक पहुंचने का फैसला किया। और अंत में, राजीव ने उन सभी लोगों का पर्दाफाश किया, जो उसकी ज़िंदगी को खतरे में डालने की कोशिश कर रहे थे।
राजीव ने यह साबित कर दिया कि जब तक हम खुद का हौंसला न हारें, तब तक किसी भी खतरे का सामना कर सकते हैं। उस अजनबी ने उसकी ज़िंदगी को उस खतरे से बाहर निकाला, और अब वह जानता था कि कभी भी किसी भी खतरे से घबराना नहीं चाहिए।
लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। जब राजीव ने उन लोगों को पकड़ने में सफलता पाई, तो एक नया रहस्य सामने आया। वह अजनबी जिसने उसकी मदद की थी, असल में एक शख्स था जो खुद एक बहुत बड़ी साजिश का हिस्सा था। राजीव ने जल्द ही समझ लिया कि उसने अपनी जान की सलामती के लिए गलत व्यक्ति से मदद ली थी।
उस अजनबी ने धीरे-धीरे राजीव को भरोसे में लिया और उसे यह विश्वास दिलाया कि वह उसके सबसे बड़े दुश्मन से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकता है। लेकिन जैसा कि राजीव ने सोचा, इस साजिश का असली शिकार वह खुद था। राजीव को अब यह महसूस हुआ कि वह किसी खतरनाक खेल का हिस्सा बन चुका था, जिसमें उसकी हर एक चाल पर किसी की नजर थी।
राजीव अब एक बार फिर उलझन में था। अब उसे पता नहीं था कि उसकी मदद करने वाला अजनबी असली था या केवल एक और चाल। वह उसी अजनबी के खिलाफ केस तैयार करने के लिए कदम बढ़ा रहा था, लेकिन अचानक उसे एक और कॉल मिली। इस बार, उस अजनबी की आवाज़ सुनाई दी, "अब तुम मेरी गिरफ्त में हो, राजीव। तुम्हें अब इसका हिसाब देना होगा।"
राजीव ने इस बार पूरी तरह से अपने मन को मजबूत किया और किसी भी साजिश का सामना करने की ठानी। उसे यह अहसास हो गया था कि वह अपनी ज़िंदगी की सबसे बड़ी परीक्षा से गुजर रहा था, और अगर उसने इस बार गलत कदम उठाया, तो उसकी ज़िंदगी हमेशा के लिए बदल जाएगी। राजीव ने उस अजनबी को चुनौती दी कि वह सामने आकर अपनी साजिश का खुलासा करे।
राजीव के भीतर अब एक नई शक्ति आ चुकी थी। उसकी जिजीविषा और संघर्ष ने उसे सिखाया कि किसी भी संकट का सामना करने के लिए हमें अपने आत्मविश्वास को खोना नहीं चाहिए। अब वह जानता था कि चाहे कुछ भी हो, अगर वह साहस के साथ खड़ा रहे, तो वह किसी भी खतरे से निकल सकता है।